ज़िन्दगी इस कदर हमको रुलाती रही!
हर ख़ुशी पास आने से पहले दूर जाती रही !!
ग़म से नाता था शायद अपना पिछले जनम से !
तभी तो हर ख़ुशी ग़म में बदल जाती रही !!
चाहा जो कुछ भी हमने ना मिला हमको!
एक अधूरी सी चाहत बन के रह गया सब कुछ!!
की थी कोशिश कभी मैंने भी कुछ जीतने की !
वहा मेरी किस्मत मुझे ही हारती रही!!
एक अधूरी सी चाहत बन के रह गया सब कुछ!!
की थी कोशिश कभी मैंने भी कुछ जीतने की !
वहा मेरी किस्मत मुझे ही हारती रही!!
लड़ भी लेते हम मुकदर से गर कोई अपना साथ होता !
और बदल भी देते हम शायद अपनी तकदीर को !!
पर भागते रहे जिस मंजिल को पाने की खातिर !
वोह मंजिल भी हमसे हमेशा दूर जाती रही !!
और बदल भी देते हम शायद अपनी तकदीर को !!
पर भागते रहे जिस मंजिल को पाने की खातिर !
वोह मंजिल भी हमसे हमेशा दूर जाती रही !!
ऐसा नहीं के कोई नहीं था हमारा यहाँ !
हर रिश्ता है बनाया और अपनाया हमने !!
और हर रिश्ते को बनाने की खातिर कोसिस भी की थी हमने !
हर रिश्ता है बनाया और अपनाया हमने !!
और हर रिश्ते को बनाने की खातिर कोसिस भी की थी हमने !
पर शायद कच्ची रह जाती थी गाँठ हर रिश्ते की !
जो थोडा सा खींचने पे ही खुल जाती रही !!
जो थोडा सा खींचने पे ही खुल जाती रही !!
बहुत रोये है हम हसने के बाद हर वक़्त !
और बहते भी रहे है यह पागल आंसू इन आँखों से
और बहते भी रहे है यह पागल आंसू इन आँखों से
क्या करू झूठी हसी आती नहीं जिस से हर गम को छुपा सकू
फिर भी उम्मीद में जी जाए रहे है !!!!!!!!!!!
फिर भी उम्मीद में जी जाए रहे है !!!!!!!!!!!
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